आलोचना >> वीरेन्द्र जैन के उपन्यासों में युग चेतना वीरेन्द्र जैन के उपन्यासों में युग चेतनाउमा मेहता
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पी एच डी शोध प्रबन्ध
यह शोध- प्रबंध “वीरेन्द्र जैन: जीवनयात्रा एवं कृतित्व”, “साहित्य और युग चेतना”, “वीरेन्द्र जैन के उपन्यास और सामाजिक चेतना”, “वीरेन्द्र जैन के उपन्यास और राजनीतिक चेतना”, “वीरेन्द्र जैन के उपन्यास और सांस्कृतिक चेतना”, “वीरेन्द्र जैन के उपन्यास और आर्थिक चेतना” एवं अंत में “वीरेन्द्र जैन के उपन्यासों में युग-चेतना : समग्र मूल्यांकन” इस प्रकार सात अध्यायों में लिखा हैं तथा अंत में उपसंहार दिया गया हैं।
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