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जीवनी/आत्मकथा >> कवि प्रदीप कवि प्रदीपसुधीर निगम
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राष्ट्रीय चेतना और देशभक्तिपरक गीतों के सर्वश्रेष्ठ रचयिता पं. प्रदीप की संक्षिप्त जीवनी- शब्द संख्या 12 हजार।
शीला ने अपनी शंका प्रकट की, ´´मुझे तो लगता है लड़की में कोई ऐब होगा, तभी आप इतनी दरियादिली दिखा रहे हैं।´´
´´नहीं बहन जी, हमारी बेटी सर्वगुणसंपन्न, उच्च शिक्षा प्राप्त अति सुंदर कन्या है।´´
निहाल चंद ने कहा, ´´फिर आप इतना बड़ा दहेज क्यों दे रहे हैं। माना कि आप की सीट ´कमाऊ´ है पर इतनी भी नहीं।´´
´´भाई साहब आप को विश्वास नहीं होगा कि मैंने आज तक एक रुपया रिश्वत का नहीं लिया।´´
´´फिर दहेज की रकम को लेकर क्या आप मज़ाक कर रहे थे?´´
´´क्षमा करना´´, निरंजन दास ने उठते हुए कहा, ´´मज़ाक पहले आप ने ही शुरू किया था। नमस्ते।´´
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