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जीवनी/आत्मकथा >> प्लेटो

प्लेटो

सुधीर निगम

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :74
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10545
आईएसबीएन :9781610000000

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पढ़िए महान दार्शनिक प्लेटो की संक्षिप्त जीवन-गाथा- शब्द संख्या 12 हजार...


प्रारंभिक और उच्च दर्शन की कक्षाओं में प्लेटो के संवाद पढ़ाए जाते हैं, सिर्फ इसलिए नहीं कि वे सहज उपलब्ध हैं अपितु इसलिए कि वे दर्शन की प्राथमिक समस्याएं उठाते हैं। अधिकांश दार्शनिक पुस्तकों के बरक्स प्लेटो वार्ता को नाटकीय रूप में प्रस्तुत करता है जिससे व्यक्ति उन्हें पढ़ने के लिए विवश हो जाता है। उदाहरणार्थ क्रीतो में हम सुकरात को यह बताते हुए पाते हैं कि राज्य के कानून का पालन करना नागरिकों का कर्तव्य है जब कि उस समय वह शासनादिष्ट मृत्यु-दंड की जेल में प्रतीक्षा कर रहा होता है जोकि कानून का अपवंचन था। प्लेटो की कृतियों ने उन साहित्यिक विद्वानों का भी ध्यान खींचा जिनकी दर्शन में कोई रुचि नहीं थी। विशिष्ट ऐतिहासिक शोध में उनका कोई भी महत्व हो, प्लेटो के संवाद विद्यार्थियों और विद्वानों द्वारा पढ़े जाते रहेंगे और उन पर बहस होती रहेगी और सुकरात जिसे हम प्रारंभिक या सुकरातीय संवादों में पाएं वह पश्चिमी दार्शनिकों में सबसे बड़ा माना जाता रहेगा।

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