मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण उपयोगी हिंदी व्याकरणभारतीय साहित्य संग्रह
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हिंदी के व्याकरण को अधिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
1.4 यण संधि : यदि इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का य,
उ/ऊ का व और ऋ का र हो जाता है, जैसे –
1.4.1 इ + अ = य अति + अधिक = अत्यधिक
इ + आ = या इति + आदि = इत्यादि
ई + आ = या नदी + आगम = नद्यागम
1.4.2 ई + उ = यु उपरि + युक्त = उपर्युक्त
ई + ऊ = यू वि + ऊह = व्यूह
1.4.3 इ + ए = ये प्रति + एक = प्रत्येक
ई + ऐ = ये देवी + ऐश्वर्य =
देव्यैश्वर्य
1.4.4 उ + अ = व सु + अच्छ = स्वच्छ
अ + आ = वा सु + आगत = स्वागत
उ + ए = वे अनु + एषण = अन्वेषण
उ + इ = वि अनु + इति = अन्विति
1.4.5 ऋ + आ = रा पितृ + आज्ञा =
पित्राज्ञा
टिप्पणी : नयन, नायक, पवन, नाविक, गायक, पावक, भावुक, आदि शब्द हिंदी में
यौगिक/व्युत्पन्न नहीं हैं वरन् शब्द के रूप में व्यवहृत हैं।
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