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चेतना के सप्त स्वर

डॉ. ओम प्रकाश विश्वकर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :156
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15414
आईएसबीएन :978-1-61301-678-7

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डॉ. ओ३म् प्रकाश विश्वकर्मा की भार्गदर्शक कविताएँ

कुछ पल बाद प्रकाश भी होगा


जब दिल होगा तो दर्द भी होगा,
जब दर्द हो तो एहसास भी होगा।
हो लाख बेगानी दुनिया ये
कोई तो अपना खास भी होगा।१

कथनी करनी में भेद छोड़ दे,
इससे तेरा विकास ही होगा।
असफलता से मत घबरा,
एक दिवस तू पास ही होगा।।२

मन क्यों डरता है? पतझड़ से,
एक दिवस मधुमास भी होगा।
कब तक ठहरेगी? रात अंधेरी,
कुछ पल बाद 'प्रकाश' भी होगा।।३

* *

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