लोगों की राय

आचार्य श्रीराम शर्मा >> बिना मोल आफत दुर्व्यसन

बिना मोल आफत दुर्व्यसन

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15476
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 0

दुर्व्यसनों की समस्या

अश्लील गाने


जहाँ बालकों को रामायण, गीता, तुलसी, सूर, कबीर और नानक के सुरुचिपूर्ण भजन याद होने चाहिए, वहाँ हमें यह देखकर नतमस्तक होना पड़ जाना पड़ता है कि अबोध बालक फरमाइशी रिकार्डों के गंदे अभील गाने स्वच्छन्दता पूर्वक गाते फिरते हैं। न कोई उन्हें रोकता है, न उन्हें मना करता है। ज्यों-ज्यों यौवन की उत्ताल तरंगें उनके हृदय में उठती हैं, इन गीतों तथा फिल्मों के गंदे स्थलों की कुत्सित कल्पनाएँ उन्हें अनावश्यक रूप से उत्तेजित कर देती है। वे व्यभिचार की ओर प्रवृत्त होते हैं। समाज में व्यभिचार फैलाते हैं। बचपन के गंदे दूषित संस्कार हमारे राष्ट्र को कामुक और चरित्रहीन बना देंगे।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book