आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
असुरघ्नी
असुरों की असुरता का नाश करने वाली गायत्री है। किसी दुष्टता को नष्ट करने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि उस व्यक्ति को मार ही डाला जाए। रोग निवारण के लिए ऐसा नहीं किया जाता कि रोग के साथ रोगी को भी नष्ट किया जाए। गायत्री उपासना से अंतःकरण की दुष्टता सजनता में परिणत होने लगती है और जिस प्रकार अजामिल आदि अनेक पापी भगवान की शरण में आकर साधु-सज्जन बन गए, उसी प्रकार गायत्री की प्रकाश किरणें जिस अंतःकरण पर पड़ती हैं, उनके भीतर रहने वाली असुरता की मात्रा घटनी आरंभ हो जाती है और वे सज्जन देवता बनने लगते हैं। इसके अतिरिक्त गायत्री अभिचार की तांत्रिक प्रक्रिया में वह शक्ति भी है कि असुर को जड़-मूल से भी नष्ट कर सकें, उसके कुकृत्य का समुचित दंड भी दे सके।
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