आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
अचिन्त्यलक्षणा
यह प्रारंभ में ही स्पष्ट कर दिया गया है कि गायत्री के संपूर्ण लक्षणों, गुणों का वर्णन और विश्लेषण मानव की स्वल्प बुद्धि द्वारा संभव नहीं। उसकी गरिमा अत्यधिक विस्तृत एवं व्यापक है। अपने प्रयत्न और अनुभवों से मनुष्य ने गायत्री के एक सहस्र गुणों का पता लगाया है। इसका अर्थ यह नहीं कि गायत्री इतनी ही सीमित है। इनसे अधिक और कुछ कार्य उसकी शक्ति से नहीं हो सकता-ऐसी बात नहीं है। चेतन जगत् में जो कुछ भी हलचलें होती हैं, उन सबका संबंध गायत्री महाशक्ति से है और उन सब पर उस महाशक्ति के माध्यम से नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है। गायत्री की सर्वागीण संभावनाएँ अत्यधिक हैं इतनी अधिक कि उन सबका पता लगाना तो दूर, ठीक प्रकार चिंतन कर सकना भी कठिन है। अब तक जिन एक सहस्र प्रमुख गुणों का पता इस विद्या के वैज्ञानिकों ने लगाया है उन्हीं का उल्लेख गायत्री सहस्रनाम से हुआ है।
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