आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
गुर्वी
गुर्वी कहते हैं भारी को। गायत्री को एक साधारण-सी चीज नहीं मानना चाहिए, उसकी गुरुत्ता इतनी बड़ी है कि संसार के सारे भौतिक पदार्थों को भी उसकी तुलना में तुच्छ माना जा सकता है। जिस क्षेत्र में भी गायत्री की शक्ति का चमत्कार देखा जाए वह अद्भुत और अद्वितीय दिखाई पड़ेगा। क्या लौकिक, क्या पारलौकिक, दोनों ही दिशाओं में, शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक सभी समस्याओं को सुलझाने में गायत्री असाधारण सिद्ध होती है। इसलिए उसकी गुरुता को जितना भी अधिक माना जाए कम ही रहेगा। वह वस्तुत: गुर्वी है।
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