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आचार्य श्रीराम शर्मा >> घरेलू चिकित्सा

घरेलू चिकित्सा

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15491
आईएसबीएन :00000

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भारतीय घरेलू नुस्खे

प्रदर


(१) पके हुए केले खाकर ऊपर से दूध पीवें।

(२) कमलगट्टे की गिरी, सफेदचंदन, खस, गुलाब के फूल, गूलर के फूल-इन्हे कूटकर चूर्ण बना लें। ३ माशा चूर्ण चावल के धोवन के साथ खावें।

(३) अशोक की छाल २ तोला कूटकर गाय का दूध आधा सेर आधा सेर पानी में मंद अग्नि पर पकावें जब पानी जल जाए तो छानकर पिलावें।

(४) सफेद जीरा, शतावर, आँवला, नीम की छाल, ३-३ मासे लेकर पाव भर पानी में पीस-छानकर ठंडाई की तरह पीवें।

(५) छिले हुए ककड़ी के बीज, काकजंघा की जड़, कोध, जटामासी, खस, कमल केशर, नागकेशर, रसोत, अतीस, इंद्र जौ, हाऊ बेर, बेल का गूदा, मोचरस, अनार दाना, मजीठ, मीठा कूठ-इन्हें समान भाग लेकर कूट-छान लें। यह चूर्ण ३ मासे मिश्री मिले धारोष्ण गो-दुग्ध के साथ नित्य लें।

(६) कैथ के पत्ते, खिरनी के पत्ते, बाँस के पत्ते, अशोक के पत्ते-इनका रस दो तोले पीवें।

(७) सुपाड़ी, रसौत, माजूफल, धाय के फूल, निशोथ, गेरू, मुलहठी, नीलोफर-इन्हें पीसकर गिलोय और अडूसे के रस में घोटें और मटर की बराबर गोली बना लें। यह गोली ताजे जल के साथ सेवन करें।

(८) अशोक की जड़ का चूर्ण १।। माशा लेकर शहद के साथ चाटे करें।

(९) मोचरस और जड़बेरी के बेरों का कपड़े में छना हुआ चूर्ण २ माशा छह मासे गुड़ में मिलाकर दुध के साथ लें।

(१०) लौकी की बीज छीलकर पिट्टी बनावें और उसे घी में भून लें। मिश्री डालकर इसका हलुआ बना लें और प्रातःकाल खावें।

(११) बथुआ की जड़, खस, खरेंटी की जड़, कमल की जड़, मुलहठी दो तोले लेकर छह छटांक पानी में पकावें जब तीन छटांक रह जाए तो छानकर मिश्री के साथ पीवें।

(१२) सुगंधवाला, वंशलोचन, रसौत, लोध, गेरू, जीरा, आम की गुठली की गिरी, जामुन की गुठली की गिरी श्योनाक अनंतमूल, अर्जुन की छाल, पाड़ नागरमोथा, छाया में सुखाई हुई केले के कच्ची फली, गूलर के कच्चे फल सूखे हुए-इनका चूर्ण ३ मासे लेकर मक्खन और मिश्री के साथ खावें।

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