आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
मित्रता, सहयोग और सहचरत्व
कहा गया है कि मित्रता, सहयोग और सहचरत्व समान लोगों में ही सफल होते हैं। स्त्रीपुरुष चूँकि अधिकार विकसित क्षमता और अर्जित योग्यता की दृष्टि से काफी विषम है। इसलिए उनकी मित्रता दाम्पत्य संबंध मित्रता, सहयोग और सहचरत्व न रहकर दासता, शासक-शासित, शोषक-शोषित और घोड़े तथा बकरी का साथ है।
ऐसी स्थिति में दाम्पत्य जीवन कभी सफल नहीं हो सकता। विवाह का उद्देश्य कभी पूरा नहीं हो सकता। पराधीनता के बंधनों और प्रतिबंधों की लगाम को दाम्पत्य जीवन के अपराध मानकर जितनी जल्दी हो सके, उन्हें नष्ट करने का समाधानपूर्ण उपाय खोजना चाहिए।
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