आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
जाग्रत् नारी
मांसलता के उभार, अशील अभिव्यंजनाएँ और सम्मोहक विन्यास में ही नारी जीवन की कृतकृत्यता बताने वाला एक वातावरण मानव द्रोही बधिकों द्वारा तैयार किया जा रहा है। प्रत्यक्ष नारी निन्दा करके उसे शिक्षा की अपात्र तथा अवगुणों की खान बताने से जब दानवी भोग लालसा अधिक समय तक तृप्त होने की आशा नहीं रही, तो पशुता की उसी पतित प्रवृत्ति ने नये पैतरे बदल लिए हैं। नारी देह के भोग्या स्वरूप की प्रतिष्ठा को ही नारी जीवन की सार्थकता के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
जाग्रत् नारी को इस नये षड्यंत्र का निरीह शिकार बनना अस्वीकार करना होगा। ऐसा वह सामूहिक शक्ति के आधार पर ही कर सकती है। इसके लिए संगठित अभियान छेड़ना होगा। यह अपने आप में एक बड़ी क्रान्ति है।
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