आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
समाज का आधा भाग नारी
समाज का आधा भाग नारी से बनता है। वह केवल पुरुष की ही अर्धांगिनी नहीं है, वरनु समाज का भी आधा अंग है। जिस प्रकार वह पारिवारिक जीवन में सुख-दु:ख की सहभागी और सहयोगिनी रहती है, उसी प्रकार समाज के उत्थान-पतन में भी उसकी समान भूमिका रहती है।
किसी भी समाज या देश के पास चाहे जितने प्राकृतिक साधन हों, पुरुष वर्ग चाहे जितना शिक्षित, सभ्य और प्रबुद्ध हों; लेकिन वहाँ का नारी वर्ग यदि अशिक्षित, असंस्कृत और मूढ़ ही बना रहे, तो उस समाज को सभ्य, शिक्षित और समुन्नत किसी भी दृष्टि से नहीं कहा जा सकता। उन्नत और विकसित समाज या राष्ट्र कहलाने का गौरव तभी प्राप्त होगा, जबकि स्त्री और पुरुष दोनों ही समान रूप से शिक्षित तथा योग्य हो।
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