आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
कामिनी
जब तक नारी वस्त्रों में, बनाव-श्रृंगार में, फैशन में, जेवर-आभूषणों में अपना व्यक्तित्व देखती रहेगी, पुरुषों के लिए कामिनी बनकर उनकी वासनाओं की तृप्ति के लिए ही अपना जीवन समझती रहेगी या खा-पीकर घर की चहारदीवारी में पड़े रहना ही अपना आदर्श समझेगी, तब तक कोई भी शक्ति, नियम, कानून उसका उद्धार नहीं कर सकेंगे।
अपने उद्धार के लिए नारी को स्वयं भी जागरूक होना पड़ेगा। मातृत्व के महान् पद की प्रतिष्ठा को पुनर्जीवित रखने के लिए उसे सीता, गौरी, मदालसा, देवी दुर्गा, काली की सी शक्ति, क्षमता और कर्तव्य का उत्तरदायित्व ग्रहण करना होगा।
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