आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
शिक्षा का द्रुतगति से विस्तार होगा
वस्तुतः महाकाल का यह प्रथम आश्वासन है, जिसके पीछे पिछड़ों को ऊँचा उठाकर समता का धरातल बनाने के लिए वचनबद्ध रहने का दैवी शक्तियों ने आश्वासन दिलाया है। लोकमानस भी समय की प्रचण्ड धारा के विपरीत बने रहने का देर तक दुराग्रह नहीं करता रह सकता। तूफान मजबूत पेड़ों को भी उखाड़ फेंकता है। घटाटोप वर्षा में छप्परों से लेकर झोपड़ों तक को बहाते देखा जाता है। पानी का दबाव बड़े-बड़े बाँधों में भी दरार डालने और उन्हें बहा ले जाने का दृश्य प्रस्तुत करता है।
यह महाकाल की हुँकार ही है, जिसने नारी को पिछड़े क्षेत्र से हाथ पकड़कर आगे बढ़ने के लिए धकेला और घसीटा है। अब यह भी निश्चित है कि नारी शिक्षा का द्रुतगति से विस्तार होगा। शिक्षा और व्यवस्था में पुरुष का ही एकाधिकार नहीं रहेगा। असहाय रहने और अनुचित दबाव के नीचे विवश रहने की परिस्थितियाँ समाप्त समझनी चाहिए। वे अब बदल कर ही रहने वाली हैं।
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