उपन्यास >> नास्तिक नास्तिकगुरुदत्त
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खुद को आस्तिक समझने वाले कितने नास्तिक हैं यह इस उपन्यास में बड़े ही रोचक ढंग से दर्शाया गया है...
लड़की के एकाएक लापता हो जाने पर रविशंकर और प्रज्ञा की माँ महादेवी को बहुत चिन्ता लगी। पुलिस में रिपोर्ट लिखाई गई थी, परन्तु खोज नहीं हो सकी। पीछे जब एक महीना भ्रमण कर पति-पत्नी लौटे तो किसी पड़ोसी ने दोनों को इकट्ठे घूमते देख पंडित रविशंकर को बता दिया कि उसकी लड़की कनाट प्लेस के एक दुकानदार मुहम्मद यासीन के साथ घूमती हुई देखी गई है।
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