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अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545
आईएसबीएन :9781613015858

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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ



वंदना


मातु कृपा इतनी कर देना
अपनी वीणा के मीठे स्वर
अधरों पर धर देना

गीतों की रसधार तुम्हीं हो
गजलों का श्रृंगार तुम्हीं हो
दोहा हो या छंद सवैया
कविता का आधार तुम्हीं हो

मेरी रचनाओं में मैया
जन-जन का स्वर देना

शब्द-शब्द संधान करूँ मैं
सच के लिये विषपान करूँ मैं
मेरा मान बढ़े कविता से
पर न कभी अभिमान करूँ मैं

आखर पंछी अम्बर छू लें
मुझको वो पर देना

* *

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