लोगों की राय

कविता संग्रह >> अंतस का संगीत

अंतस का संगीत

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9545
आईएसबीएन :9781613015858

Like this Hindi book 8 पाठकों को प्रिय

397 पाठक हैं

मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ



खुली किताब


हम खुली किताब हो गये
प्रश्न थे जवाब हो गये

लोग हमें बाँचते नहीं
देखते हैं जाँचते नहीं
आवरण नहीं है इसलिये
मूल्य सही आँकते नहीं

शब्द कह रहे हैं अर्थ से
व्यर्थ बेनक़ाब हो गये

भेदभाव कुछ नहीं किया
जो हमें मिला वही दिया
तार-तार भाव जो हुये
जोड़-जोड़ कर उन्हें सिया

कंटकों के बीच यूँ रहे
गीत के गुलाब हो गये

चाहे कोई कुछ हमें कहे
हम बताओ चुप कहाँ रहे
जल गया है घर अगर कभी
हम भी साथ-साथ में दहे

जो समय दबा नहीं सका
ऐसा इन्क़लाब हो गये

* *

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book