लोगों की राय

व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> अंतिम संदेश

अंतिम संदेश

खलील जिब्रान

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :74
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9549
आईएसबीएन :9781613012161

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

9 पाठक हैं

विचार प्रधान कहानियों के द्वारा मानवता के संदेश

"जब बसन्त आयेगा तो सभी वस्तुएं पिघल जायंगी और गीत बन जायंगी, यहां तक कि सितारे भी और बर्फ की बडी़-बडी़ चट्टानें भी जोकि विस्तीर्ण मैदानों में धीरे-धीरे उतरती हैं, सभी गाते हुए झरनों में समा जायंगी। जब ईश्वर के चेहरे का सूर्य फैले हुए क्षितिज के ऊपर निकलेगा तो कौनसी एक रूप जमी हुई वस्तुएं तरल संगीत में परवर्तित न हो जायंगी और तुममें से कौन सदाबहार तथा लारेल के लिए साकी न बनेगा?”

"यह तो कल की ही बात है कि तुम बहते सागर के साथ भ्रमण कर रहे थे और तुम्हारा कोई किनारा नहीं था, तुम आत्म विहीन थे। तब वायु ने, जोकि तुम्हारे जीवन का श्वास है, तुम्हें बुना, अपने चेहरे पर प्रकाश का एक आवरण बनाया, उसके हाथों ने तुम्हें इकट्ठा किया तुम्हें आकार दिया और एक ऊंचा मस्तक रखकर तुमने ऊंचाई प्राप्त की। किन्तु सागर तुम्हारे पीछे-पीछे चला और उसका गीत अभी तुम्हारे साथ है। और यद्यपि तुम अपने जन्मदाता को भूल गए हो, लेकिन वह तो अपने ममत्व को स्थापित रखेगा और हमेशा तुम्हें अपने पास बुलायेगा।’’

"पहाड़ों और रेगिस्तानों में भटकते हुए भी तुम उसके शीतल हृदय की गहराई को स्मरण करोगे और यद्यपि प्रायः तुम्हें यह ज्ञान नहीं होगा कि किसके लिए तुम उन्मत्त हो, तथापि वास्तव में वह उसकी लयबद्ध शान्ति ही होगी।’’

"इसके अतिरिक्त और हो ही क्या सकता है? बगीचों में और कुञ्जों में, तब जबकि पहाड़ों पर पत्तियों में वर्षा नाचती है, जबकि बर्फ गिरता है-एक भाग्यशीलता और एक आगमन के स्वरूप घाटियों में, जबकि तुम अपने पशुओं के झुण्डों को नदी की ओर ले जाते हो, तुम्हारे खेतों में जहां कि सोने-चांदी जैसे झरनों की भांति प्रकृति की हरी पोशाक मे खो जाते हैं, तुम्हारे बगीचों में जहां कि सवेरे की ओस आकाश को प्रति-बिम्बित करती है, तुम्हारे चरागाहों में जबकि संध्या की धूल तुम्हारे रास्ते पर हल्का परदा बिछा देती है, इन सभी में सागर तुम्हारे साथ है, तुम्हारी बंश-परम्परा का एक साक्षी और तुम्हारे प्रेम का एक अधिकारी।”

"यह तुम्हारे में एक हिम का टुकडा़ ही तो है, जो नीचे सागर की ओर दौड़ रहा है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book