लोगों की राय

कविता संग्रह >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

278 पाठक हैं

आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें


३१

रौब दुनिया पे अपना जमाने चले


रौब दुनिया पे अपना जमाने चले
वो हवा में इमारत बनाने चले

देश के रहनुमाओं को क्या हो गया
घर में दाने नहीं हैं भुनाने चले

एक जुगनू न बन पाये जो आज तक
और सूरज को रस्ता दिखाने चले

है मुझे ये यक़ीं अब न चल पायेंगे
आज तक आपके जो बहाने चले

जाने क्यूँ उनके माथे पे बल पड़ गये
‘क़म्बरी’ जब हक़ीक़त बताने चले

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book