कविता संग्रह >> कह देना कह देनाअंसार कम्बरी
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आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें
६१
वो सुनहरे दिन हमें रातें सुहानी दे गया
वो सुनहरे दिन हमें रातें सुहानी दे गया
चाँद-तारे और सूरज सब ज़बानी दे गया
छीन कर सपने मेरी आँखों में पानी दे गया
वो भी प्यासा था जो दरिया को रवानी दे गया
अबके बादल मेरे आँगन में करिश्मा कर गया
साँवली सूरत में आया रंग धानी दे गया
जाते-जाते उसने दिल पर ढाई आखर लिख दिये
यानी जो पूरी न होगी वो कहानी दे गया
सर से जब ओढ़ी तो मेरे पैर बाहर हो गये
वक़्त मुझको फिर वही चादर पुरानी दे गया
प्यार लेकर आपसे, कुछ गीत देकर ‘क़म्बरी’
एक निशानी ले गया और एक निशानी दे गया
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