कविता संग्रह >> नारी की व्यथा नारी की व्यथानवलपाल प्रभाकर
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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ
19. पूरी कक्षा में मैं अव्वल
पूरी कक्षा में मैं अव्वल
पर घमण्ड तनिक भी नही
बैठती हूँ सबसे आगे मैं
रहती कभी पिछे नही
सब गुरूजनों की प्यारी
जैसे फुलों की फुलवारी
मैं फूलों की क्यारी हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।
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