कविता संग्रह >> नारी की व्यथा नारी की व्यथानवलपाल प्रभाकर
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मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ
2. बोली दादी, बेटा बहू का
बोली दादी, बेटा बहू का
अल्ट्रासाऊँड तो कराके ला
पता चलेगा बेटी है या बेटा
मुझे भी आके जल्दी बता।
सुनकर यह पिता मेरे
माँ को अस्पताल ले गये
अल्ट्रासाऊँड में मैं आती हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।
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