लोगों की राय

कविता संग्रह >> नारी की व्यथा

नारी की व्यथा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9590
आईएसबीएन :9781613015827

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

268 पाठक हैं

मधुशाला की तर्ज पर नारी जीवन को बखानती रूबाईयाँ


5. अब हर दिन हर रात मैं


अब हर दिन हर रात मैं
करती मिन्नतें भगवान से
मुझे बचा लें मेरे ईश्वर
इस निर्दयी पापी जहां से।

कभी सोचती निराश हो जाती
पर कुछ भी ना मैं कर पाती,

कैसी दुर्भाग्य की मारी हूँ
क्योंकि मैं इक नारी हूँ।

¤ ¤

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book