लोगों की राय

कविता संग्रह >> स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति

स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :127
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9604
आईएसबीएन :9781613015834

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

321 पाठक हैं

स्वैच्छिक रक्तदान करना तथा कराना महापुण्य का कार्य है। जब किसी इंसान को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तभी उसे इसके महत्त्व का पता लगता है या किसी के द्वारा समझाने, प्रेरित करने पर रक्तदान के लिए तैयार होता है।


सरहद पर खून


दुनियां में,
देशों को, अलग अलग करने की
कोई दीवार नहीं है।

मनुष्य ने
अपने अधिपत्य के अनुसार
बांट लिया धरती को
मान चित्रों में, सरहदों में।

सुरक्षा के लिए
तैनात कर दिये
सीमाओं पर
सैनिक अस्त्र-शस्त्र, चौकीदार।

जब कोई सैनिक
गोली चलाता है
तो खून बहता है
जंगलों में, पत्थरों पर
व्यर्थ।

काश सरहदों पर
रक्तदाता कैम्प लगे
खूब खून बने
मानवता के काम आए।
सरहदों का विस्तार हो जाए।
सरहदों का विस्तार हो जाए।

0 0

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book