कविता संग्रह >> स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति स्वैच्छिक रक्तदान क्रांतिमधुकांत
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स्वैच्छिक रक्तदान करना तथा कराना महापुण्य का कार्य है। जब किसी इंसान को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तभी उसे इसके महत्त्व का पता लगता है या किसी के द्वारा समझाने, प्रेरित करने पर रक्तदान के लिए तैयार होता है।
जन्म दिन
आज सुबह, आँख खुली
तो ख्याल आया
आज विशेष दिन है
बीसवां जन्म दिन है।
कुछ विशेष होना चाहिए।
केक, पार्टी, होटल
यज्ञ करना, दान करना या घूमना।
ये तो कुछ विशेष नहीं ..
अचानक एक ख्याल
क्यों न रक्तदान किया जाए
किसी का जीवन बचाया जाए।
इससे अच्छा, इससे नूतन
कुछ भी नहीं।
एक दीपक से दूसरा
ज्योतिर्मय हो।
अन्धेरा घट जाए
जग प्रकाशित हो जाए।
मैं तत्परता से उठा
तैयार हुआ
चल पड़ा,
ब्लड बैंक की ओर।
सबसे श्रेष्ठ कार्य करने
अपना जन्म दिन मनाने।
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