लोगों की राय

कविता संग्रह >> स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति

स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :127
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9604
आईएसबीएन :9781613015834

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

321 पाठक हैं

स्वैच्छिक रक्तदान करना तथा कराना महापुण्य का कार्य है। जब किसी इंसान को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तभी उसे इसके महत्त्व का पता लगता है या किसी के द्वारा समझाने, प्रेरित करने पर रक्तदान के लिए तैयार होता है।


जन्म दिन


आज सुबह, आँख खुली
तो ख्याल आया
आज विशेष दिन है
बीसवां जन्म दिन है।
कुछ विशेष होना चाहिए।
केक, पार्टी, होटल
यज्ञ करना, दान करना या घूमना।

ये तो कुछ विशेष नहीं ..
अचानक एक ख्याल
क्यों न रक्तदान किया जाए
किसी का जीवन बचाया जाए।
इससे अच्छा, इससे नूतन
कुछ भी नहीं।

एक दीपक से दूसरा
ज्योतिर्मय हो।
अन्धेरा घट जाए
जग प्रकाशित हो जाए।

मैं तत्परता से उठा
तैयार हुआ
चल पड़ा,
ब्लड बैंक की ओर।
सबसे श्रेष्ठ कार्य करने
अपना जन्म दिन मनाने।

0 0

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book