कविता संग्रह >> स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति स्वैच्छिक रक्तदान क्रांतिमधुकांत
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स्वैच्छिक रक्तदान करना तथा कराना महापुण्य का कार्य है। जब किसी इंसान को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तभी उसे इसके महत्त्व का पता लगता है या किसी के द्वारा समझाने, प्रेरित करने पर रक्तदान के लिए तैयार होता है।
रक्तदान सेवा
कभी आपने रक्तदान किया?
कभी आपने महादान किया?
जब आपकी दुर्घटना होगी,
बेटा छत से गिर जाएगा,
माँ का ऑपरेशन होगा
पत्नी को बच्चा होगा
फिर कौन आपके लिए
रक्तदान करेगा?
क्यों करेगा?
यदि आप दान न करेंगे
रक्त कहाँ से आएगा?
न किसी फैक्ट्री में बनेगा
न पशु का काम आएगा।
ये जो मनुष्य का रक्त है
वही मनुष्य के काम आएगा
तो आज ही उठ खड़ा हो जा।
प्रथम बार रक्तदान करेगा
सीना गर्व से फूल जाएगा
बार-बार रक्तदान करेगा
जीवन आनन्द से भर जाएगा।
शरीर तो नश्वर है
एक दिन मरेगा जरूर
रक्त जो दान किया
वह जीवित रहेगा जरूर।
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