कविता संग्रह >> स्वैच्छिक रक्तदान क्रांति स्वैच्छिक रक्तदान क्रांतिमधुकांत
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स्वैच्छिक रक्तदान करना तथा कराना महापुण्य का कार्य है। जब किसी इंसान को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तभी उसे इसके महत्त्व का पता लगता है या किसी के द्वारा समझाने, प्रेरित करने पर रक्तदान के लिए तैयार होता है।
स्वामी रक्तदाता
यह शरीर मेरा नहीं
किसी की बख्शीश है।
एक भयंकर दुर्घटना में
मैं तो लगभग मर गया था।
फरिश्ते ने
रक्तदान किया
जीवनदान दे दिया।
शरीर में खून मेरा नहीं
रक्तदाता का है।
मुझे उपहार मिला है
इस जीवन पर
रक्तदानी का अधिकार है
महादानी का अधिकार है।
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