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कविता संग्रह >> उजला सवेरा

उजला सवेरा

नवलपाल प्रभाकर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :96
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9605
आईएसबीएन :9781613015919

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आज की पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली कविताएँ


मेरा जीवन

मेरा जीवन निरसता मय
सुखी सभी नजर आते हैं।
हंसते-खिलते मुस्कुराते हुए
प्रसन्नतायुक्त नजर आते हैं।

लेकर हंसी-खुशी का मंजर
और लेकर मैं सलोने सपने
निकला था एक दिन कभी
सुगम अनजाने पथ पर मैं
मुझे पता था क्या वहां पर
अंधड़ भूचाल भी आते हैं।
मेरा जीवन निरसता मय
सुखी सभी नजर आते हैं।

कंटक युक्त राहें बनी
अंधकार सा छाया हुआ
दुखों के बादल घिर आए
मन कंपित सा होने लगा
दस्तक दे दरवाजे पर
क्यों दुख अन्दर आ जाते है।
मेरा जीवन निरसता मय
सुखी सभी नजर आते हैं।

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