कविता संग्रह >> उजला सवेरा उजला सवेरानवलपाल प्रभाकर
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आज की पीढ़ी को प्रेरणा देने वाली कविताएँ
वर्षा का स्वागत
पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिएबरसात का स्वागत करने के लिए।
कलियां खिली खोह खोल पंखुरी
मेघों में चम-चम चमकी बिजुरी
मन हर्षित तन कंपित सभी हुए।
पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिए
बरसात का स्वागत करने के लिए।
नयन मुंदे पेड़ों की सभी कोंपले
बयार के संग-संग हिलें-डुले
पंछी सारे नभ में चहकने लगे।
पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिए
बरसात का स्वागत करने के लिए।
वर्षा की शीतल ठंडी हिलोरें
रोंगटें खड़े कर तन झकझोरें
नंगे पांव ही हम निकल पड़े।
पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिए
बरसात का स्वागत करने के लिए।
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