धर्म एवं दर्शन >> श्रीकृष्ण चालीसा श्रीकृष्ण चालीसागोपाल शुक्ल
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श्रीकृष्ण चालीसा
श्रीकृष्ण चालीसा
।।दोहा।।
कर मुरली तन पीत पट, गल वैजन्ती माल।।बसो हृदय गोपाल के इस विध मदन गोपाल।।
।।चौपाई।।
जय मन मोहन श्याम मुरारे,जय जय जय ब्रजराज दुलारे।
जय जग तारण कारण स्वामी,
जय बंशीधर अन्तर्यामी ।।1।।
जय शकटासुर अघ संहारी,
जय घनश्याम गोवर्धन धारी।
जय जसुदासुत जय नंदनंदन,
जय तेरी हो असुर निकंदन ।।2।।
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