स्वास्थ्य-चिकित्सा >> चमत्कारिक पौधे चमत्कारिक पौधेउमेश पाण्डे
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प्रकृति में हमारे आसपास ऐसे अनेक वृक्ष हैं जो हमारे लिए परम उपयोगी हैं। ये वृक्ष हमारे लिए ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार हैं। इस पुस्तक में कुछ अति सामान्य पौधों के विशिष्ट औषधिक, ज्योतिषीय, ताँत्रिक एवं वास्तु सम्मत सरल प्रयोगों को लिखा जा रहा है।
नीबू के औषधिक महत्त्व
नीबू एक उत्तम श्रेणी का उपचारक है। इसका उपयोग अनेक व्याधियों को दूर करने हेतु किया जाता है। इसके कुछ सरल, परम प्रभावी एवं निरापद औषधिक उपयोगों को नीचे लिखा जा रहा है-
0 क्षुधा वृद्धि हेतु- नीबू के रस में गलाई हुई मिर्ची के अचार को भोजन में शामिल करने पर क्षुधा वृद्धि होती है। यही नहीं इसे भोजन में शामिल करने से पाचक रसों का स्राव तीव्र होता है।
0 सौंदर्य वृद्धि हेतु- नीबू के रस को चेहरे पर मलकर फिर गुनगुने जल से चेहरा धोने से चेहरे का रंग खिल उठता है। चेहरा साफ हो जाता है।
0 मेद वृद्धि रोकने हेतु- जो लोग मेद वृद्धि अर्थात् मोटापे से परेशान हों उनके लिये नीबू परम हितकारी है। उन्हें सुबह सवेरे कुल्ला करके खाली पेट ही एक गिलास गुनगुने जल में 1 तोला शहद और एक नीबू निचोड़ कर उसे पीना चाहिये। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में संबंधित व्यक्ति की मेदवृद्धि रुक जाती है। यही नहीं यह प्रयोग लगातार करने से मोटापा घटने लगता है।
0 मुख दुर्गन्ध दूर करने हेतु- एक गिलास गुनगुने जल में 2 नीबू निचोड़कर उस जल से भली प्रकार कुल्ले करने से मुख दुर्गन्ध का शमन होता है।
0 अजीर्णनाशक के रूप में- अजीर्ण के शिकार व्यक्तियों को भोजन के उपरान्त आधे गिलास जल में 1 नीबू निचोड़कर पीना चाहिये।
0 गैस समस्या में- नित्य आधे नीबू पर थोड़ा सा काला नमक बुरक लें। फिर इसे थोड़ा-थोड़ा कुछ समय तक चाटें। ऐसा करने से गैस समस्या का निदान होता है।
0 ल्यूकोरिया में- जिन स्त्रियों को सफेदपानी की शिकायत हो उन्हें एक गिलास ताजी छाछ लेकर उसमें नीबू निचोड़कर उसका सेवन करना चाहिये। यह कार्य सुबह 8-9 बजे के करीब करना चाहिये। छाछ पीतल के गिलास में न लें। इस प्रयोग को मात्र 3 दिनों तक करना ही पर्याप्त है। यह प्रयोग मुझे इन्दौर में महेशनगर में जनसेवा करने वाले श्री गोविन्दराज जी ने बताया था।
0 झांईं, कील, मुँहासे दूर करने हेतु- नीबू के छिलकों को पीसकर मक्खन मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुँहासे, झाँईयाँ इत्यादि दूर होती हैं।
0 स्कर्वी रोग में- यह रोग विटामिन-सी की कमी से होता है। इसे दूर करने हेतु मात्र 1 नीबू का सेवन किसी भी प्रकार से करना हितकर है। रोग दूर हो जाता है।
0 प्यास अधिक लगने पर- नीबू का शरबत पीना हितकर है। पुन: इस शरबत के सेवन से मस्तिष्क में शीतलता आती है ।
0 बच्चों के सुखिया रोग में- बच्चों को सूखिया रोग हो जाने पर उन्हें नित्य नीबू का शरबत पिलाना लाभदायक होता है।
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