व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> हौसला हौसलामधुकांत
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नि:शक्त जीवन पर लघुकथाएं
लघुकथाकार मधुकांत
डॉ. मधुकांत मुख्यत: एक शिक्षक और साहित्यकार, कविता, लेख व्यंग्य, नाटक, लघुकथा के लेखक के रूप में सिद्धस्त हैं। एक शिक्षक का हृदय विशाल होता है, दृष्टिकोण व्यापक होता है, सोच में मानवीयता होती है, चिंतन में सुधार होता है तथा दिल में निःशक्त व्यक्तियों के लिय सहानुभूति तथा प्रोत्साहन होता है। इन सद्गुणों से सम्पन्न डॉ. मधुकांत ने जो अपने लघुकथा संग्रह ''हौसला'' में 51 लघुकथाएं लिखी हैं वे शारीरिक तौर पर कुछ कमियों के बावजूद भी उन लोगों की दास्तान को बयां करती हैं जो स्फूर्ति, आशा, उत्साह से परिपूर्ण हैं। ये लोग जीवन की बाधाओं को आम आदमी के मुकाबले में भी ज्यादा सफलता से पार कर लेते हैं। इस प्रकार का लाजबाव लघुकथा संग्रह ''हौसला'' लिखने के लिए श्री मधुकांत जी को बधाई तथा शुभकामनाएं।
शुभचिंतक,
रोहतक
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