लोगों की राय

कविता संग्रह >> संभाल कर रखना

संभाल कर रखना

राजेन्द्र तिवारी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9720
आईएसबीएन :

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

258 पाठक हैं

मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह



56

बनती ही नहीं दिखती है बात किसी सूरत


बनती ही नहीं दिखती है बात किसी सूरत।
लगता है न सुधरेंगे हालात किसी सूरत।।

खिल सकते हैं फूलों के मुरझाये हुए चेहरे,
हो जाये जो थोड़ी सी बरसात किसी सूरत।

पत्थर के लिये आँसू बेकार सही लेकिन,
रोके से नहीं रुकते जज्ब़ात किसी सूरत।

सूरज के निकलते ही मर जायेगा हर सपना,
बस यूँ ही ठहर जाये ये रात किसी सूरत।

सच रह न सके ज़िन्दा कोशिश रही दुनिया की,
फिर भी है अभी ज़िन्दा सुकरात किसी सूरत।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

Abhilash Trivedi

लाजवाब कविताएँ!