| धर्म एवं दर्शन >> श्रीबजरंग बाण श्रीबजरंग बाणगोस्वामी तुलसीदास
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कष्ट निवारण के लिए गोस्वामीजी द्वारा रचित एक ऐसा सूत्र जो कष्टों को सहने की अदुभुत क्षमता देता है।
      ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। 
      ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता।।
      
      ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल। 
      ॐ सं सं सहमि पराने खल दल।।
      
      अपने जन को तुरत उबारो।
      सुमिरत होय आनन्द हमारो।।
      
      ताते विनती करौं पुकारी।
      हरहु सकल दुःख विपति हमारी।।
      
      ऐसौ बल प्रभाव प्रभु तोरा। 
      कस न हरहु दुःख संकट मोरा।।
      
      हे बजरंग, बाण सम धावौ। 
      मेटि सकल दुःख दरस दिखावौ।।
      
      हे कपिराज काज कब ऐहौ। 
      अवसर चूकि अन्त पछतैहौ।।
      			
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