कहानी संग्रह >> प्रेमचन्द की कहानियाँ 39 प्रेमचन्द की कहानियाँ 39प्रेमचंद
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प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का उन्तालीसवाँ भाग
मिस जोशी- प्रेम प्रतिकार नहीं करता, प्रेम में दुराग्रह नहीं होता। आप मेरे खून के प्यासे हो रहे हैं, उस पर भी आप कहते हैं, मैं तुम्हारी याद करता हूं। आपने मेरे स्वामी को हिरासत में डाल रखा है, यह प्रेम है! आखिर आप मुझसे क्या चाहते हैं? अगर आप समझ रहे हों कि इन सख्तियों से डर कर मैं आपकी शरण आ जाऊंगी तो आपका भ्रम है। आपको अख्तियार है कि आपटे को काले पानी भेज दें, फांसी चढ़ा दें, लेकिन इसका मुझ पर कोई असर न होगा। वह मेरे स्वामी हैं, मैं उनको अपना स्वामी समझती हूं। उन्होंने अपनी विशाल उदारता से मेरा उद्धार किया । आप मुझे विषय के फंदों में फंसाते थे, मेरी आत्मा को कलुषित करते थे। कभी आपको यह खयाल आया कि इसकी आत्मा पर क्या बीत रही होगी? आप मुझे आत्मशून्य समझते थे। इस देवपुरुष ने अपनी निर्मल स्वच्छ आत्मा के आकर्षण से मुझे पहली ही मुलाकात में खींच लिया। मैं उसकी हो गयी और मरते दम तक उसी की रहूंगी। उस मार्ग से अब आप हटा नहीं सकते। मुझे एक सच्ची आत्मा की जरुरत थी, वह मुझे मिल गयी। उसे पाकर अब तीनों लोक की सम्पदा मेरी आंखों में तुच्छ है। मैं उनके वियोग में चाहे प्राण दे दूं, पर आपके काम नहीं आ सकती।
मिस्टर जौहरी- मिस जोशी! प्रेम उदार नहीं होता, क्षमाशील नहीं होता । मेरे लिए तुम सर्वस्व हो, जब तक मैं समझता हूं कि तुम मेरी हो। अगर तुम मेरी नहीं हो सकती तो मुझे इसकी क्या चिंता हो सकती है कि तुम किस दशा में हो?
मिस जोशी- यह आपका अंतिम निर्णय है?
मिस्टर जौहरी- अगर मैं कह दूं कि हां, तो?
मिस जोशी ने सीने से पिस्तौल निकाल कर कहा- तो पहले आप की लाश जमीन पर फड़कती होगी और आपके बाद मेरी, बोलिए। यह आपका अंतिम निर्णय निश्चय है?
यह कहकर मिस जोशी ने जौहरी की तरफ पिस्तौल सीधा किया। जौहरी कुर्सी से उठ खड़े हुए और मुस्करा बोले- क्या तुम मेरे लिए कभी इतना साहस कर सकती थीं? जाओ, तुम्हारा आपटे तुम्हें मुबारक हो। उस पर से अभियोग उठा लिया जाएगा। पवित्र प्रेम ही में यह साहस है। अब मुझे विश्वास हो गया कि तुम्हारा प्रेम पवित्र है। अगर कोई पुराना पापी भविष्यवाणी कर सकता है तो मैं कहता हूं, वह दिन दूर नहीं है, जब तुम इस भवन की स्वामिनी होगी। आपटे ने मुझे प्रेम के क्षेत्र में नहीं, राजनीति के क्षेत्र में भी परास्त कर दिया। सच्चा आदमी एक मुलाकात में ही जीवन बदल सकता है, आत्मा को जगा सकता है और अज्ञान को मिटा कर प्रकाश की ज्योति फैला सकता है, यह आज सिद्ध हो गया।
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