कहानी संग्रह >> जयशंकर प्रसाद की कहानियां जयशंकर प्रसाद की कहानियांजयशंकर प्रसाद
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जयशंकर प्रसाद की सम्पूर्ण कहानियाँ
स्कन्द ने क्रोधित होकर
कहा- सो कैसे? मैंने तो पथ में इन्हें कहीं नहीं
देखा!
ब्रह्मा ने कहा- क्या
मार्ग में मूषक का पद-चिह्न आपको कहीं नहीं दिखाई
पड़ा था?
स्कन्द ने कहा- हाँ,
पद-चिह्न तो देखा था।
ब्रह्मा ने कहा- उन्होंने
विश्वरूप जगज्जनक, जननी ही की परिक्रमा कर ली
है। सो भी तुम्हारे पहले ही।
स्कन्द लज्जित होकर चुप
हो रहे।
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