व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> हारिए न हिम्मत हारिए न हिम्मतश्रीराम शर्मा आचार्य
|
0 |
प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने लोगों को जीवन की कठिन परिस्थितियों में किस प्रकार के आचार-विचार की आवश्यकता है, इसे एक माह की डायरी के रूप में बताया है।
दिनांक : 21
लगन आदमी के अंदर हो तो सौ गुना काम करा लेती है। इतना काम करा लेती है कि हमारे काम को देखकर आपको आश्चर्य होगा। इतना साहित्य लिखने से लेकर इतना बडा संगठन खड़ा करने तक और इतनी बड़ी क्रांति करने से लेकर के इतने आश्रम बनाने तक जो काम शुरू किए हैं, वे कैसे हो गए? यह लगन और श्रम है।
यदि हमने श्रम से जी चुराया होता तो उसी तरीके से घटिया आदमी होकर के रह जाते जैसे कि अपना पेट पालना ही जिनके लिए मुश्किल हो जाता है। चोरी से, ठगी से, चालाकी से जहाँ कहीं भी मिलता पेट भरने के लिए, कपड़े पहनने के लिए और अपना मौज-शौक पूरा करने के लिए पैसा इकट्ठा करते रहते पर हमारा यह बड़ा काम संभव न हो पाता।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book