व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> उन्नति के तीन गुण-चार चरण उन्नति के तीन गुण-चार चरणश्रीराम शर्मा आचार्य
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समस्त कठिनाइयों का एक ही उद्गम है – मानवीय दुर्बुद्धि। जिस उपाय से दुर्बुद्धि को हटाकर सदबुद्धि स्थापित की जा सके, वही मानव कल्याण का, विश्वशांति का मार्ग हो सकता है।
समस्त कठिनाइयों का एक ही उद्गम है – मानवीय दुर्बुद्धि।
जिस उपाय से दुर्बुद्धि को हटाकर सदबुद्धि स्थापित की जा सके, वही मानव कल्याण का, विश्वशांति का मार्ग हो सकता है।
युगऋषि परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने वर्तमान युग की समस्याओंके समाधान हेतु बहुत सी पुस्तकें लिखी हैं। उन्हीं में से एक पुष्प यह भी है।
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