लोगों की राय

व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> वर्तमान चुनौतियाँ और युवावर्ग

वर्तमान चुनौतियाँ और युवावर्ग

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9848
आईएसबीएन :9781613012772

Like this Hindi book 0

मेरी समस्त भावी आशा उन युवकों में केंद्रित है, जो चरित्रवान हों, बुद्धिमान हों, लोकसेवा हेतु सर्वस्वत्यागी और आज्ञापालक हों, जो मेरे विचारों को क्रियान्वित करने के लिए और इस प्रकार अपने तथा देश के व्यापक कल्याण के हेतु अपने प्राणों का उत्सर्ग कर सकें।

एकमात्र भारत के पास ही ऐसा ज्ञानलोक विद्यमान है, जिसकी कार्यशक्ति न तो इंद्रजाल में है और न छल-छद्म में ही। वह तो सच्चे धर्म के मर्मस्थल उच्चतम आध्यात्मिक सत्य के अशेष महिमामंडित उपदेशों में प्रतिष्ठित है। जगत् को इस तत्त्व की शिक्षा प्रदान करने के लिए ही प्रभु ने भारत एवं भारतीयता को विभिन्न दुख-कष्टों के भीतर भी आज तक जीवित रखा है। अब उस वस्तु को स्वयं में चरितार्थ करने का और अन्यों को प्रदान करने का समय आ गया है। 'हे वीर हृदय, भारत माँ की युवा संतानों। तुम यह विश्वास रखो कि अनेक महान् कार्य करने के लिए ही तुम लोगों का जन्म हुआ है। किसी के भी धमकाने से न डरो, यहाँ तक कि आकाश से प्रबल वजपात हो तो भी न डरो। उठो! कमर कसकर खड़े होओ और कार्यरत हो जाओ।'

राष्ट्रीय युवाशक्ति के महानायक स्वामी विवेकानंद की इन्हीं भावनाओं को परमपूज्य गुरुदेव ने व्यावहारिक एवं व्यापक स्वरूप प्रदान किया है। युग निर्माण मिशन अपने आप में युवा भावनाओं का समर्थ एवं सशक्त संगठन है। इन पंक्तियों के माध्यम से आह्वान है राष्ट्र की प्रबुद्ध रख भावनाशील युवाशक्ति का जो अपने हृदय की धडकनों में युग की वर्तमान चुनौतियों को अनुभव करती है और इनका निराकरण करने के लिए कुछ कर गुजरने की चाह रखती है।


* * *


...Prev |

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book