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रंजक क्रियाएँ
रंजक क्रियाएँ मुख्य क्रिया के अर्थ को रंजित करती है अर्थात् विशिष्ट अर्थ
छवि देती हैं। सामान्यतः ये आठ हैं— आना, जाना, उठना, बैठना, लेना, देना,
पड़ना, डालना। इनके उदाहरण इस प्रकार हैं —
आना: | रो आना, कर आना, बन आना | अनायासता का भाव |
जाना: | पी जाना, आ जाना, खा जाना | क्रियापूर्णता/शीघ्रता का भाव |
उठना: | रो उठना, गा उठना, चिल्ला उठना | आकस्मिकता का भाव |
बैठना: | मार बैठना, खो बैठना, चढ़ बैठना | आकस्मिकता का भाव |
लेना: | पी लेना, सो लेना, ले लेना | क्रियापूर्णता/विवशता का भाव |
देना: | चल देना, रो देना, फेंक देना | क्रियापूर्णता/विवशता का भाव |
पड़ना: | रो पड़ना, हँस पड़ना, चौक पड़ना | स्वतः/शीघ्रता का भाव |
डालना: | मार डालना, तोड़ डालना, काट डालना | बलात्भाव/क्रियापूर्णता का भाव |
कुछ अन्य कम प्रचलित रंजक क्रिया प्रयोग हैं— डूब मरना, लिख मारना, चल निकलना, चल बसना आदि।
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