श्रीमद्भगवद्गीता भाग 1महर्षि वेदव्यास |
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पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जय:।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशंखं भीमकर्मा वृकोदर:।।15।।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशंखं भीमकर्मा वृकोदर:।।15।।
श्रीकृष्ण महाराज ने पाञ्चजन्य नामक, अर्जुन ने देवदत्त नामक और भयानक
कर्मवाले भीमसेन ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया।।15।।
श्रीकृष्ण ने पाञ्चजन्य, अर्जुन ने देवदत्त और भीमसेन ने पौण्ड्र नामों वाले शंख बजाए। इन सभी शंखों के नाम उनके स्वामियों द्वारा अर्जित विशिष्ट शक्तियों का वर्णन करते हैं।
श्रीकृष्ण ने पाञ्चजन्य, अर्जुन ने देवदत्त और भीमसेन ने पौण्ड्र नामों वाले शंख बजाए। इन सभी शंखों के नाम उनके स्वामियों द्वारा अर्जित विशिष्ट शक्तियों का वर्णन करते हैं।
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