शब्द का अर्थ
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खैर :
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पुं० [सं० खदिर] १. एक प्रकार का बबूल। कथ कीकर। सोनकीकर। २. उक्त वृक्ष की लकड़ियों के टुकड़ो को उबालकर निकाला हुआ सार पदार्थ जो पान पर लगाया जाता है। कत्था। ३. भूरे रंग का एक प्रकार का पक्षी। स्त्री० [फा० खैर] कुशल। क्षेम। अव्य० [फा०] १. ऐसा ही सही। अस्तु। अच्छा। २. कोई चिन्ता नहीं। देखा जायगा। (उपेक्षा सूचक) |
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समानार्थी शब्द-
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खैर-आफियत :
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स्त्री० [फा०] कुशल-मंगल। कुशल-क्षेम। |
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खैरखाह :
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वि० [फा०] [भाव० खैरखाही] भलाई चाहनेवाला। शुभ चिंतक। |
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खैरबाद :
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पद [फा०] किसी के बिछुड़ते समय कहा जानेवाला पद जिसका अर्थ है–कुशलपूर्वक रहो। |
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खैर भैर :
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पुं० [उत्पत्ति द] १. हल्ला। २. चहल-पहल। रौनक। उदाहरण–खैर भैर चहुँ ओर मच्यो अति आनंद पूरन समाई।–रघुराज। |
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खैरवाल :
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पुं० [देश०] कोलियार का वृक्ष। |
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खैरसल्ला :
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स्त्री० [अ० खैर+सलाह] कुशल-क्षेम। कुशल मंगल। |
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खैरसार :
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पुं० [सं० खदिर+सार] कत्था। खैर। |
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खैरा :
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वि० [हिं० खैर] खैर या कत्थे के रंग का। कत्थई। पुं० १. उक्त प्रकार का रंग। २. कत्थई रंग के खुरों वाला बैल। ३. खैरे रंग का कोई पशु या पक्षी। ४. धान की फसल का एक रोग। पुं० [देश०] १. तबला बजाने में एक ताले (ताल) की दून। २. एक प्रकार की मछली। |
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खैरात :
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स्त्री० [अ०] [वि० खैराती] १. दरिद्रों भिखमंगों आदि को दान रूप में दिया जानेवाला धन या पदार्थ। २. दान। |
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खैरात खाना :
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पुं० [अ+फा०] वह स्थान जहाँ से लोगों को खैरात मिलती हो अथवा मुफ्त में सबको भोजन वस्त्र आदि बाँटे जाते हों। या होनेवाला। जैसे–खैराती दवाखाना। |
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खैराती :
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वि० [फा०] खैरात के रूप में अथवा खैरात के धन से चलने। |
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खैराद :
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पुं०=खराद। |
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खैरियत :
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स्त्री० [फा०] १. कुशल-क्षेम। राजी-खुशी। २. कल्याण। भलाई। |
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