शब्द का अर्थ
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जेर :
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वि० [फा० जेर] [भाव० जेरबारी] १. नीचे आया या लाया हुआ। २. पराजित। परास्त। ३. अधिकार या वश में किया हुआ। ४. जिसे बहुत तंग या परेशान किया गया हो। क्रि० वि० नीचे। तले। पुं० [?] सुन्दर वन में होनेवाला एक प्रकार का वृक्ष। स्त्री० दे० ‘आँवल’ (खेड़ी)। |
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समानार्थी शब्द-
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जेरना :
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स० [हिं० जेर] १. पराजित करना। २. अधिकार या वश में करना। ३. तंग या परेशान करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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जेरपाई :
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स्त्री० [फा०] १. स्त्रियों की जूती। २. जूता। |
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जेरबंद :
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पुं० [फा०] घोड़े के साज की मोहरी में लगा हुआ तस्मा जिसका दूसरा सिरा तंग में बाँधा जाता है। |
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जेर-बार :
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वि० [फा० ज़ेरबार] [भाव० जेरबारी] १. विपत्ति, संकट आदि में दबा हुआ। २. व्यय आदि के भार से दबा हुआ। |
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जेरी :
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स्त्री० [?] १. चरवाहों के हाथ में रहनेवाला डंडा या लाठी। २. खेती-बारी का एक उपकरण। स्त्री० [फा० जेर=नीचे] तंग या परेशान होने की अवस्था या भाव। |
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