शब्द का अर्थ
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नेम :
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वि०[सं०√नी+मन्] १. अर्ध। आधा। २. अन्य। दूसरा। पुं० [सं०] १. काल। समय। २. अवधि। ३. खंड। टुकड़ा। ४. दीवार। ५. धोखेबाजी। छल। ६. गड्ढा। गर्त। ७. संध्या का समय। ८. जड़। मूल। पुं० [सं० नियम] १. नियम। कायदा। २. नियमित रूप से या बराबर होती रहनेवाली बात। पद-नेम-धरम=पूजा-पाठ देव-दर्शन आदि धार्मिक कृत्य। ३. प्रथा। रीति। |
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नेमत :
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स्त्री०= नियामत। |
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नेमता :
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स्त्री० [सं०] नाचने-गाने का व्यवसाय करनेवाली स्त्री। नर्तकी। . |
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नेमि :
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स्त्री [सं०√नीमि] १. पहिए का चक्कर या घेरा। चक्र- परिधि।२. किसी प्रकार का चक्कर या घेरा। ३. कूएँ के ऊपर का चबूतरा। जगत। ४. कूएँ की जमवट। ५. किनारा। तट। ६. तिनिश वृक्ष। ७. वज्र। ८. पुराणानुसार एक दैत्य। ९. दे० ‘नेमि नाथ’। |
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नेमिचक्र :
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पुं० [सं०] एक राजा जो परीक्षित के वंशजों में से था। |
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नेमी (मिन्) :
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पुं० [सं० नेम+इनि] तिनिश वृक्ष। स्त्री० नेमि। वि० [सं० नियम] किसी प्रकार के नियम, विशेषतः धार्मिक कृत्य-संबंधी नियम का दृढ़तापूर्वक और सदा पालन करने वाला। जैसे- गंगा-स्नान या देव-दर्शन का नेमी। पदः नेमी-धरमी। |
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नेमी-धरमी :
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वि० [सं० नियम-धर्मी] १. धार्मिक नियमों और सिद्धांतों का दृढ़तापूर्वक पालन करने वाला। २ नित्य पाठ-पूजा, देव-दर्शन आदि धार्मिक कृत्य करने वाला। |
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