शब्द का अर्थ
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पर्वक :
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पुं० [सं० पर्वन्√कै (प्रकाशित होना)+क] घुटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वकार :
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पुं० [सं० पर्वन्√कृ (करना)+अण्] वह ब्राह्मण जो घन के लोभ से पर्व के दिन काम छोड़ दे, और फिर सुभीते से किसी दूसरे दिन करे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वक :
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पुं० [सं० पर्वन्√कै (प्रकाशित होना)+क] घुटना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्वकार :
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पुं० [सं० पर्वन्√कृ (करना)+अण्] वह ब्राह्मण जो घन के लोभ से पर्व के दिन काम छोड़ दे, और फिर सुभीते से किसी दूसरे दिन करे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |