शब्द का अर्थ
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पुजाना :
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स० [हिं० पूजना=(पूजन करना) का प्रे०] १. दूसरे से देवी-देवता आदि का पूजन या पूजा कराना। किसी को पूजा में प्रवृत्त या नियुक्त करना। जैसे—पुजारी से ठाकुर पुजाना। २. किसी से अपनी पूजा, प्रतिष्ठा या आदर-सम्मान कराना अथवा देवतुल्य बनकर किसी से अपनी पूजा कराना और उनसे भेंट आदि प्राप्त करना। जैसे—आज कल पंडित जी यजमानों से पुजाते फिरते हैं। ३. किसी तरह से डरा-धमका या दबाकर अथवा उसके मन में किसी प्रकार का पूज्यभाव उत्पन्न, करके उससे कुछ धन या भेंट प्राप्त करना। दबा और फुसलाकर वसूल करना। संयो० क्रि०—लेना। स० [हिं० पूजना=पूरा होना] १. पूरा करना। पूर्ति करना। २. भरना। जैसे—दवा से घाव पुजाना। ३. सफल या सिद्ध करना। जैसे—किसी के मनोरथ पुजाना। अ०=पुजना (पूरा होना) ?(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुजाना :
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स० [हिं० पूजना=(पूजन करना) का प्रे०] १. दूसरे से देवी-देवता आदि का पूजन या पूजा कराना। किसी को पूजा में प्रवृत्त या नियुक्त करना। जैसे—पुजारी से ठाकुर पुजाना। २. किसी से अपनी पूजा, प्रतिष्ठा या आदर-सम्मान कराना अथवा देवतुल्य बनकर किसी से अपनी पूजा कराना और उनसे भेंट आदि प्राप्त करना। जैसे—आज कल पंडित जी यजमानों से पुजाते फिरते हैं। ३. किसी तरह से डरा-धमका या दबाकर अथवा उसके मन में किसी प्रकार का पूज्यभाव उत्पन्न, करके उससे कुछ धन या भेंट प्राप्त करना। दबा और फुसलाकर वसूल करना। संयो० क्रि०—लेना। स० [हिं० पूजना=पूरा होना] १. पूरा करना। पूर्ति करना। २. भरना। जैसे—दवा से घाव पुजाना। ३. सफल या सिद्ध करना। जैसे—किसी के मनोरथ पुजाना। अ०=पुजना (पूरा होना) ?(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |