शब्द का अर्थ
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बेनंग :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का छोटा पहाड़ी बाँस जो प्रायः लता के समान होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बेन :
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पुं० [सं० वेणु] १. वंशी। मुरली। बाँसुरी।बाँस। ३. सँपेरों के बजाने की बीन। महुअर। ४. एक प्रकार का वृक्ष। ५. दे० ‘वेणु’। पुं० [अ० वेन] एक प्रकार की झंडी जो जहाज के मस्तूल पर लगा दी जाती है और जिसके फहराने से यह पता चलता है कि हवा का रुख किधर है। (लश०) पुं० [अं० विंड] वायु। हवा लाश०) |
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समानार्थी शब्द-
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बेनउर :
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पुं०=बिनौला। |
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समानार्थी शब्द-
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बेनट :
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स्त्री० [अं० बायोनेट] लोहे की वह छोटी किरच जो सैनिकों की बंदूक के अगले सिरे पर लगी रहती है। संगीन। |
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समानार्थी शब्द-
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बेनवर :
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पुं०=बिनौला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बेना :
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पुं० [सं० वीरण] खस। पुं० [सं० वेणु] १. बाँस। २. बाँस का बना हुआ पंखा। पुं० [सं० वेणी] एक गहना जो माथे पर बेंदी के बीच मे पहना जाता है। पद–बेना-बंदी=बेना और बेंदी नाम के गहने जो प्रायः एक साथ पहने जाते हैं। |
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बेनागा :
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क्रि० वि० [फा० बे+अ० नाग़ा] बिना नागा किये। निरंतर। लगातार। नित्य। |
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बेनी :
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स्त्री० [स० वेणी] १. स्त्रियों की चोटी। २. किवाड़ के एक पल्ले में लगी हुई हुई एक छोटी लकड़ी जो दूसरे पल्ले को खुलने से रोकती है। ३. एक प्रकार का धान जो भादों के अंत या कुआर के आरंभ में तैयार होता है। ४. दे० ‘त्रिवेणी’। |
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बेनी-पान :
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पुं०=बेंदी (गहना)। |
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बेनू :
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स्त्री० १.=बेन। २. वेणु। |
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बेनुली :
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स्त्री० [हिं० बिदली] जाँते या चक्की में वह छोटी सी लकड़ी जिसके दोनों सिरों पर जोती रहती है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बेनौटी :
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वि० [हिं० बिनौला] कपास के फूल की तरह हलके पीले रंग का कपासी। पुं० उक्त प्रकार का रंग। |
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बेनौरा :
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पुं०=बिनौला। |
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बेनौरी :
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स्त्री० [हिं० बिनौला] ओला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बेनसगाई :
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स्त्री० [हिं० बैन+सगाई] रचना में होने वाला अनुप्राय। वर्णमैत्री। (राज०) |
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