शब्द का अर्थ
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मसूर :
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पुं० [सं०√मस्+ऊरन्] एक प्रकार का अन्न जो द्विदल और चिपटा होता है और जिसका रंग मटमैला होता है। इसकी प्रायः दाल बनती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
मसूरक :
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पुं० [सं० मसूर+कन्] गोल तकिया। |
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मसूरति :
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पुं० =मुहुर्त्त। उदाहरण—म्लेच्छ मसूरति सत्ति कै बंच कुररनी बार।—चंदबरदाई। |
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मसूरा :
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स्त्री० [सं०√मस् (परिणाम)+ऊरन्+टाप्] १. वेश्या। रंडी। २. मसूर नामक अन्न। ३. उक्त अन्न की दाल। ४. उक्त दाल की बनी हुई बड़ी। पुं० =मसूड़ा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मसूरिका :
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स्त्री० [सं० मसूरा+कन्+टाप्, इत्व] १. चेचक का एक भेद जिसमें शरीर पर मसूर के बराबर दाने निकलते हैं। खसरा। २. कुटनी। दूती। |
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मसूरी :
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स्त्री० [सं० मसूर+ङीष्] मसूरिका नामक रोग। पुं० [देश] एक प्रकार का पेड़ जो कद में छोटा होता है और शिशिर ऋतु में जिसके पत्ते झड़ जाते हैं। स्त्री०=मसूर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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