शब्द का अर्थ
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युक्त :
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वि० [सं०√युज्+क्त] [भाव० युक्ति] १. किसी के साथ जुड़ा, मिला या लगा हुआ। २. मिश्रित। सम्मिलित। ३. नियुक्त। मुकर्रर। ४. पूरा किया हुआ। सम्पन्न। ५. उचित। ठीक। वाजिब। पुं० १. वह योगी जिसने योग का अभ्यास कर लिया हो। २. रैवत मनु का एक पुत्र। ३. चार हाथ लंबी एक पुरानी नाप। |
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युक्त-रसा :
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स्त्री० [सं० ब० स०+टाप्] १. गंधनाकुली। नाकुल कंद। २. रासना। |
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युक्त-विकर्ष :
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पुं० [सं० ष० त०] भाषा-विज्ञान में शब्दों के उच्चारण में होनेवाली वह प्रक्रिया जिससे शब्दों में रहनेवाली कोई श्रुति (दे०) किसी नए कर्म का रूप धारण करती है। |
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युक्ता :
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स्त्री० [सं० युक्त+टाप्] १. एलापर्णी। २. एक प्रकार का वृत्त जिसमें दो नगण और एक मगण होता है। |
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युक्ताक्षर :
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वि० [सं० युक्त-अक्षर, कर्म० स०] संयुक्त वर्ण। मिलित वर्ण। |
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युक्तार्थ :
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वि० [सं० युक्त-अर्थ, ब० स०] ज्ञानी। |
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युक्ति :
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स्त्री० [सं०√युज्+क्तिन्] १. युक्त अर्थात् मिले हुए होने की अवस्था या भाव। मिलन। योग। २. कोई कठिन काम सरलतापूर्वक करने का उपाय या ढंग। तरकीब। ३. किसी तत्त्व का खंडन या मंडन करने के लिए कही जानेवाली कोई बुद्धिसंगत बात। दलील (रीजन)। ४. प्रथा। रीति। ५. कारण। ६. कौशल। चातुरी। ७. साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार जिसमें किसी उपाय या कौशल से अपनी कोई चेष्टा या रहस्य दूसरे से छिपाने का उल्लेख या वर्णन होता है। |
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युक्तिकर :
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वि० [सं० युक्ति√कृ (करना)+ट]=युक्ति-युक्त। |
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युक्ति-युक्त :
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वि० [सं० तृ० त०] जो युक्ति की दृष्टि से ठीक हो। युक्ति-संगत। ठीक। वाजिब। |
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युक्तिवाद :
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पुं० [सं० ष० त०]=बुद्धिवाद। |
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युक्ति-शास्त्र :
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पुं० [सं० मध्य० स०] तर्क-शास्त्र। |
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